आईसीआईसीआई बैंक की MD चंदा कोचर याद है न? याद है, कैसे मीडिया आईसीआईसीआई की MD/CEO चंदा कोचर को महिला सशक्तिकरण का उदाहरण बताती थी, उनके गुणगान करती थी? आज पता चल रहा है कि मीडिया द्वारा प्रोजेक्टेड यह चेहरा, लगातार घोटाले के आरोपों से घिरता जा रहा है। वीडियोकॉन लोन मामले के बाद देश को लूट कर भागने वाले हीरा व्यापरी व नीरव मोदी के रिश्तेदार ‘गीतांजति’ के मेहुल चौकसी को भी 5080 करोड़ का लोन आईसीआईसी ने चंदा कोचर के नेतृत्व में ही दिया गया था।
सीबीआई के अनुसार, आईसीआईसीआई बैंक ने चंदा कोचर के नेतृत्व में देश के 31 बैंकों ने मेहुल चौकसी और उसकी कंपनी को 5080 करोड़ का लोन दिया था। इसका जिक्र चौकसी और गीतांजलि के खिलाफ दर्ज किए गई प्राथमिकी में है। दरअसल चंदा कोचर की बैंक आईसीआईसीआई बैंक ने मेहुल चौकसी के गीतांजलि ग्रुप को वर्किंग कैपिटल फैसिलिटी दे रखा था, जिसके कारण वह 31 बैंकों से पैसे उठाता चला गया।
The Central Bureau of Investigation (CBI) initiates a probe in connection with Rs 5,280 crore loan given to Mehul Choksi’s Gitanjali Group by a 31-bank consortium led by the ICICI Bank— ANI (@ANI) April 11, 2018
आरोप के अनुसार, कांग्रेस राज और खासकर पी. चिदंबरम के वित्त मंत्री रहते चंदा कोचर ने वीडियोकॉन के वेणुगोपाल धूत को बिना गारंटी अरबों लोन दे दिया, जिसके एवज में वीडियोकॉन ने उनके पति व देवर को फायदा पहुंचाया। शिकायतकर्ता अरविंद गुप्ता की शिकायत के अनुसार, वीडियोकॉन समूह को 3900 करोड़ का लोन दिया, जिसके एवज में वीडियोकॉन ग्रुप ने चंदा के पति दीपक कोचर की कंपनी न्यू पावर रिन्यूबल प्राइवेट लि में उस दौरान 325 करोड़ रुपये ट्रांसफार किया। आरोप के अनुसार, वीडियोकॉन ने चंदा के देवर राजीव कोचर को भी फायदा पहुंचाया। सीबीआई राजीव कोचर को गिरफ्तार कर पूछताछ भी कर रही है।
इतना ही नहीं, आईसीआईसीआई बैंक ने कांग्रेस राज में प्रो-कांग्रेसी न्यूज चैनल NDTV के मालिक राधिका राय व प्रणय राय को भी अरबो का फायदा पहुंचाया। सीबीआई की एफआईआर के अनुसार, अक्टूबर 2008 में आईसीआईसीआई बैंक ने RRPR-राधिका राय-प्रणय राय होल्डिंग को 350 करोड़ का लोन दिया। इस लोन के आधार पर प्रणय राय ने शेयर बाजार को मैन्यूप्यूलेट किया, जो सीधे तौर पर भष्टाचार निरोधक कानून के मुताबिक एक भ्रष्टाचार है।
लोन मिलने के दो दिन के अंदर पति-पत्नी प्रणय राय-राधिका राय ने 92 करोड़ रुपये अपने निजी खाते में ट्रांसफर कर लिया। NDTV पर इसके अलावा 2030 करेाड़ के फेमा उल्लंघन और 525 करोड़ के आयकर की चोरी का मामला चल रहा है। प्रणय राय-राधिका राय की कंपनी ने बरमूडा और नीदरलैंड जैसे जगहों से अवैध तरीके से 600 करोड़ रुपये जुटाए। यह साफ तौर पर मनी मनी लाउंड्रिंग और हवाला का खेल है।
मोदी सरकार ने जब सभी बैंकों को अपना बहीखाता सही करने का निर्देश दिया तो कांग्रेस राज में मीडिया द्वारा ग्लैमराइज चंदा कोचर, आईसीआईसी एवं अन्य बैंकों का भ्रष्टाचार सामने आता जा रहा है! इसी सरकार में यानी 2017 में वीडियोकॉन को डिफाल्टर घोषित किया है! यानी अपने गले में फंदा देखकर चंदा कोचर ने वीडियोकॉन को डिफाल्टर घोषित किया है, अन्यथा यह यह सबकुछ पहले की तरह चलता रहता, यदि 2014 में सरकार नहीं बदलती!
यदि 2014 में मोदी सरकार नहीं आती तो कांग्रेस की छत्रछाया में 2004-2014 तक कारपोरेट और बैंकों के गठजोड़ से हुए 52 लाख करोड़ के घोटाले क्या कभी सामने आ पाते?
कमाल है! देश के लुटेरों को ही यहां की मीडिया ने सबका माई-बाप बनाकर पेश कर रखा था, चाहे वह गांधी परिवार हो, चाहे बैंकर चंदा कोचर व अन्य और चाहे उद्यमी वेणू, माल्या, नीरव, चौकसी, कनिष्क, प्रणय राय या कोठारी!
Source : IndiaSpeaksDaily
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