एकतरफ जहाँ पूरे देश में स्वच्छता मिशन चल रहा हैं, देश में खुले में शौच मुक्त अभियान का आंदोलन चलाया जा रहा हैं जिसके अंतर्गत करोड़ो शौचालय बनाये गए हैं, वही देश की राजधानी दिल्ली में दो साल से खुले में शौच के लिए झुग्गीवासी मजबूर हैं। दिल्ली सरकार से लेकर प्रधानमंत्री तक को पत्र लिखा गया हैं, लेकिन अभी तक कोई कारवाई नही नही हुई हैं।
पश्चिमी दिल्ली के मशहूर पैसिफिक मॉल की चकाचौंध के पीछे ही एक ऐसी बस्ती है जहाँ के लोग खुले मे शौच करने को मजबूर हैं। करीब दो साल पहले श्याम नगर झुग्गियों के बीचोबीच सामुदायिक शौचालय हुआ करता था। दिल्ली सरकार के विभाग दिल्ली अर्बन स्लम इम्प्रोवेमेंट बोर्ड ने इसे यह कहकर तोड़ दिया कि यहाँ इससे भी बड़ा और मॉडर्न शौचालय बनाया जाना है। शौचालय के टूटने के बाद बस्ती के बाहर 40 सीटर शौचालय बनाया गया। जबकि श्याम नगर स्लम बस्ती मे करीब 6000 से ज्यादा लोग रहते है, इतनी बड़ी आबादी के लिए सिर्फ 40 सीटर शौचालय वो भी बस्ती से दूर इस्तेमाल करना बिलकुल भी मुमकिन नही है।
श्याम नगर झुग्गी बस्ती वेलफेयर एसोशिएशन ने यह मुद्दा स्थानीय विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा के सामने रखा तो उन्होने दिल्ली सरकार के स्लम डिपार्टमेंट दिल्ली अर्बन स्लम इम्प्रोवेमेंट बोर्ड को पत्र लिखकर वहाँ तुरंत शौचालय बनाने की मांग की। जिसे DUSIB के सी. ई. ओ. ने 2017 में यह कहकर ठुकरा दिया की श्याम नगर झुग्गी बस्ती को हटा कर दूसरी जगह बसाया जाना है, इसलिए यहाँ पर शौचालय नही बनाया जाएगा।
गौरतलब है की दिल्ली के मुख्यमन्त्री अरविंद केजरीवाल खुद दिल्ली अर्बन स्लम इम्प्रोवेमेंट बोर्ड के चेयरपर्सन है। परेशान होकर प्रधानमंत्री कार्यालय को जब इस बाबत ऑनलाइन कम्प्लेंट दी गयी तो पहले तो 10 महीने तक दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड ने कोई जवाब नही दिया, और 10 महीने बाद दिल्ली सरकार यह कहकर कम्प्लेंट को ‘क्लोज़’ कर दिया की श्याम नगर बस्ती को जल्द ही शिफ्ट किया जाएगा और वहाँ पर पर्याप्त शौचालय उपलब्ध है, जो कि एक सफेद झूठ हैं। यदि पर्याप्त शौचालय उपलब्ध है तो क्या झुग्गियों मे रहने वाले लोग और चुने हुए विधायक झूठ बोल रहे है और CEO को शौचालय बनाने के लिए पत्र लिख रहे है?
इस बीच श्याम नगर झुग्गी बस्ती वेलफेयर असोशिएशन के प्रतिनिधि पश्चिमी जिले के अतिरिक्त जिलाधीश (ADM) सुरेश चंद मीना से मिले तो उनका जवाब था वो इस मामले मे कुछ भी नही कर सकते। थक हारकर लोगो ने अब नालियो मे शौच की आदत डाल ली है। जिनके पास कुछ पैसे थे उन्होने 12 गज के ही घर मे जैसे तैसे शौचालय बना लिया है।
दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड बने हुए शौचालय को भी जब से दिल्ली सरकार ने झुग्गीवासियों के लिए मुफ्त किया है तब से करीब करीब रोज उसमे पानी या बिजली की दिक्कत आती रहती है, जिसकी बार-बार शिकायत के बाद कोई सुनवाई नही हो रही हैं।
सूत्रों के अनुसार, श्यामनगर की यह बस्ती अकाली दल विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा के विधानसभा क्षेत्र में आती हैं, और वह केजरीवाल सरकार पर लगातार हमलावर रहते हैं, और उनकी पार्टी का गठबंधन भी केंद्र की भाजपा सरकार से हैं, ऐसे में दिल्ली की केजरीवाल सरकार इस मुद्दे को लगातार अनदेखा कर रही हैं। ऐसे में सवाल उठता हैं कि क्या राजनैतिक प्रतिद्वंदिता अब इतनी महत्त्वपूर्ण हो गयी हैं कि राजनैतिक बढ़त हासिल करने के लिए अब जनता के बेहद जरूरी मुद्दों के साथ भी खिलवाड़ किया जाएगा। यहाँ यह बात गौर करने वाली हैं कि दिल्ली सरकार के मुखिया अरविंद केजरीवाल एक साफ और स्वच्छ राजनीति का वादा करके राजनीति में आये थे और आये दिन केंद्र सरकार पर सहयोग नही करने का इल्जाम लगाते रहते हैं।
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