
#WATCH: An unidentified person throws ink at the Aam Aadmi Party (AAP) delegation that is in Hathras to meet the family members of the alleged gangrape victim. pic.twitter.com/mth5GtkXBN
— ANI UP (@ANINewsUP) October 5, 2020
इस घटना की एक वीडियो भी सामने आई है। वीडियो में देखा जा सकता है कि पहले दीपक शर्मा उस जगह आते हैं, जहाँ संजय सिंह मीडिया से घिरे खड़े होते हैं। इसके बाद इंक की बोतल संजय सिंह पर फेंकते हुए कहते हैं- ‘PFI के दलालों वापस जाओ… वापस जाओ।’ दीपक के इतना करते ही भीड़ में खड़ा एक युवक उन्हें पकड़ कर संजय सिंह से दूर करता है और दोनों के बीच हल्की झड़प हो जाती है।
इतने पर भी दीपक शांत नहीं होते। उन्हें पकड़ने कई लोग उनके पीछे भागते हैं मगर वह तब भी नारे लगाते रहते हैं। वह आप के प्रतिनिधि मंडल को पीएफआई के गिद्ध कहते हैं। साथ ही आरोप लगाते हैं कि ऐसे लोग लाशों पर राजनीति कर रहे हैं। जब पुलिस दीपक को पकड़ ले जा रही होती हैं, तब भी वह कहते हैं- लाशों की राजनीति बंद करो।
Breaking :हाथरस में संजय सिंह के खिलाफ लगे नारेंPFI के दलालों वापस जाओPFI के गिद्धों वापस जाओ pic.twitter.com/vg84x5FF0f— Kreately (@KreatelyMedia) October 5, 2020
एनडीटीवी रिपोर्टर का दावा है कि यह घटना गाँव के ही बाहर घटी। गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और विधायक राखी बिड़लान 5 लोगों के डेलिगेशन के साथ पीड़ित परिवार से मिलने पहुँचे थे।
वहाँ उन्होंने मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती पर कई गंभीर आरोप लगाए। संजय सिंह ने हाथरस मामले में बसपा अध्यक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि मायावती और उनकी पार्टी इस मामले में भाजपा के मुखपत्र की तरह काम रही है।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह पर स्याही फेंकी गईहाथरस में पीड़िता के परिवार से मिलने गए थेगांव के बाहर ही एक शख्स ने स्याही फेंकी pic.twitter.com/t79KsFEUdy— Sharad Sharma (@sharadsharma1) October 5, 2020
संजय सिंह ने यह भी कहा कि आज प्रदेश के कोने-कोने में बेटियों के साथ दरिंदगी हो रही है, जो बताता है कि योगी आदित्यनाथ से प्रदेश नहीं सँभल रहा है, इसलिए उन्हें इस्तीफा देकर अपने मठ में वापस लौट जाना चाहिए।
आप नेता ने कहा कि जिस तरह से हाथरस मामले में वहाँ के जिलाधिकारी को बचाया जा रहा है, उससे भी साफ लग रहा है कि कहीं, मुख्यमंत्री की पोल ना खुल जाए, इसलिए जिलाधिकारी को सस्पेंड करने के बजाए बचाया जा रहा है।
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